Cardiovascular Diseases Common Symptoms : दुनियाभर में कार्डियोवैस्कुलर रोग के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही हैं। यह विश्व स्तर पर मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों की मानें तो साल 2019 में 17.9 मिलियन लोगों की मौत कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के कारण हुई है। जेनेटिक, खराब खान-पान, मोटापा, एक्सरसाइज की कमी और शराब आदि कार्डियोवैस्कुलर रोग के मुख्य कारण हो सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति अपनी डाइट और लाइफस्टाइल को सही रखें, तो वह हृदय रोगों से अपना बचाव कर सकता है। वैसे तो कार्डियोवैस्कुलर डिजीज होने पर कोई लक्षण नजर नहीं आता है। लेकिन अगर आपको ये लक्षण नजर आए, तो इन्हें बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। आइए, ब्रीच कैंडी अस्पताल, मुंबई के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. कौशल छत्रपति से जानते हैं कार्डियोवैस्कुलर रोग के लक्षण (Cardiovascular Rog ke Lakshan)-
1. शरीर का एक हिस्सा सुन्न पड़ना
कार्डियोवैस्कुलर रोग होने पर शरीर का एक हिस्सा सुन्न पड़ सकता है। आपको एक हाथ या पैर पर सुन्नपन महसूस हो सकता है। इसके अलावा, कुछ मामलों में चेहरे के एक तरफ भी सुन्न पड़ सकता है। इस स्थिति में शरीर के एक तरफ अचानक से कमजोरी का अनुभव भी हो सकता है। यह स्ट्रोक का एक आम लक्षण होता है।
2. बोलने में कठिनाई होना
कार्डियोवैस्कुलर रोग होने पर बोलने में भी कठिनाई हो सकती है। अगर कार्डियोवैस्लुर रोग की वजह से आपको बोलने में दिक्कत हो रही है, तो इस स्थिति में किसी चीज को समझना भी मुश्किल हो सकता है। यह स्थिति भ्रम पैदा कर सकता है।
3. सीने में दर्द और बेचैनी
कार्डियोवैस्कुलर रोग में आपको सीने में दर्द और बेचैनी भी महसूस हो सकती है। अगर आपको बार-बार सीने में दर्द का अनुभव हो, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। यह हृदय रोगों का एक बड़ा संकेत हो सकता है। कुछ मामलों में लोगों को कंधों, जबड़े और पीठ में भी दर्द होता है।
4. सांस लेने में तकलीफ
हृदय रोग वाले लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है। अगर इसके साथ ही, मतली या उल्टी जैसा भी अनुभव हो, तो इसे नजरअंदाज न करें। इस स्थिति में आपको डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करना चाहिए।
5. बेहोशी
बेहोशी भी कार्डियोवैस्कुलर रोग का एक संकेत हो सकता है। अगर आपको बेहोशी हो रही है, तो इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज न करें। हालांकि, बेहोशी सिर्फ कार्डियोवैस्कुलर रोग का ही एकमात्र लक्षण नहीं होता है। यह शरीर में कमजोरी या थकान की वजह से भी हो सकता है।