वॉट्सऐप भारत में सर्विस देना बंद कर सकता है। इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे मैसेजेस एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए मजबूर किया गया, तो वह भारत से चला जाएगा।
मेटा के दो बड़े प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप और फेसबुक ने नए संशोधित IT नियमों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने दिल्ली HC में ट्रांसफर कर दिया था।
कंपनी ने कोर्ट में कहा कि नए नियमों से यूजर की प्राइवेसी खतरे में आ सकती है। मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच कर रही है।
दिल्ली हाईकोर्ट बोला- बीच का रास्ता निकालें
वॉट्सऐप की ओर से एडवोकेट तेजस करिया और सरकार की ओर से कीर्तिमान सिंह दलील रख रहे थे। दोनों पक्षों के बीच संक्षिप्त बहस के बाद हाईकोर्ट ने बीच का रास्ता निकालने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी।
कोर्ट में वॉट्सऐप के वकील की 3 बड़ी बातें
- IT नियम 2021 एन्क्रिप्शन के साथ यूजर्स की गोपनीयता को कमजोर करता है। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है।
- दुनिया में कहीं और ऐसा कोई नियम नहीं है, ब्राजील में भी नहीं। यह नियम उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता के खिलाफ है और नियम बिना किसी परामर्श के पेश किया गया था।
- हमें एक पूरी श्रृंखला रखनी होगी और हमें नहीं पता कि किन मैसेज को सरकार मांग सकती है। इसका मतलब है कि करोड़ों मैसेज वर्षों तक स्टोर करना होगा।
क्या है एंड-टु-एंड एन्क्रिप्शन?
एंड-टु-एंड एन्क्रिप्शन एक कम्युनिकेशन सिस्टम है, जिसमें मैसेज भेजने वाले और मैसेज रिसीव करने वाले के अलावा कोई अन्य शामिल नहीं होता है। यहां तक कि कंपनी भी एंड-टु-एंड एन्क्रिप्शन में यूजर्स के मैसेज नहीं देख सकती है।