बालेश्वर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बुधवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित अब्दुल कलाम द्वीप से टारपीडो के लिए सुपरसोनिक स्मार्ट मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस प्रणाली से नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं में वृद्धि होगी। बुधवार को इसके स्थल वर्जन का परीक्षण किया गया है, जो जमीन से हवा में प्रहार करने में सक्षम है। मिसाइल को अत्याधुनिक साजो सामान से लैस बताया गया है।
मिसाइल को जमीन से हवा की ओर उड़ाया गया, मिसाइल अपने लक्ष्य को ध्वस्त करने में कामयाब रहा। स्वदेशी तकनीक से यह मिसाइल बनाई गई है। सुपरसोनिक स्मार्ट मिसाइल की सफलता को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ टीम को बधाई दी है।
डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत ने भी सफल परीक्षण के लिए पूरी टीम को बधाई दी है। यह मिसाइल दुश्मनों के किसी भी मिसाइल को बीच रास्ते में ही मार गिराने की ताकत रखता है।
उल्लेखनीय है कि देश इस महीने के अंत तक आधा दर्जन से ज्यादा नई और पुरानी मिसाइल बैलिस्टिक और क्रूज सीरीज की मिसाइलों का परीक्षण करने वाला है। कई पुरानी मिसाइल में आधुनिकरण किया गया है तो कई ऐसी नई मिसाइल शामिल है जिनका पहला परीक्षण होगा। डीआरडीओ ऐसी मिसाइलों का परीक्षण करके मिसाइल क्षेत्र में विश्व में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है।
क्या है स्मार्ट मिसाइल
यह मिसाइल एक्सो वायुमंडलीय रक्षा इंटरसेप्टर है। इसका उपयोग थिएटर बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा के लिए किया जाता है। यह मिसाइल बैलिस्टिक मिसाइल को उनके उड़ान के माध्यम में रोकने के लिए हिट टू कील का उपयोग करता है।
पहले इस मिसाइल को पानी जहाज में तैनात के लिए बनाया गया था। आज इसका परीक्षण जमीन से हवा के लिए किया गया है। यह मिसाइल दुश्मनों की किसी भी मिसाइल को बीच रास्ते में ही मार गिराने की क्षमता से युक्त है।