Can You Spot The Symptoms Of A Cardiac Arrest Weeks Before It Happens: कार्डियक अरेस्ट, जिसे हम सडेन कार्डियक अरेस्ट के नाम से भी जानते हैं। आमतौर पर कार्डियक अरेस्ट का मतलब है कि हार्ट बीट का रुक जाना। जब ब्लड फ्लो प्रभावित होता है या मस्तिष्क और अन्य अंगों में सही तरह से रक्त का प्रवाह नहीं होता है, तब व्यक्ति बेहोश हो सकता है या शरीर का कोई ऑर्गन खराब हो सकता है। कार्डियक अरेस्ट आने पर व्यक्ति को तुरंत इलाज करवाने की जरूरत होती है। कार्डियक अरेस्ट आने पर तुरंत जो लक्षण नजर आते हैं, वे हैं थकान, चक्कर आना, धुंधला दिखना, सांस लेने में दिक्कत होना, सीने में दर्द और होश खो बैठना। यहां यह सवाल उठता है कि क्या कार्डियक अरेस्ट आने से एक हफ्ते पहले व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट आने के संकेत नजर आ सकते हैं?
क्या कार्डियक अरेस्ट आने से एक हफ्ते पहले से लक्षण नजर आ सकते हैं?- Can You Spot The Symptoms Of A Cardiac Arrest Weeks Before It Happens
आमतौर पर कार्डियक अरेस्ट आने से एक से दो सप्ताह पहले इसके संकेत नजर आ सकते हैं। जैसे पुरुषों को सीने में हल्का-हल्का दर्द हो सकता है। जबकि, महिलाओं को सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है। कुछ लोगों को कार्डियक अरेस्ट आने से एक सप्ताह पहले से ही चक्कर आना, थकान और हार्ट रेट बढ़ने जैसे लक्षण दिख सकते हैं। ये बात अलग है कि हर बार ऐसा हो, यह जरूरी नहीं है। ज्यादातर समय कार्डियक अरेस्ट आने के दौरान इसके लक्षण तेजी से उभरते हैं। एक से दो सप्ताह पहले इसके कोई लक्षण दिख भी सकते हैं और नहीं भी दिख सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार कार्डियक अरेस्ट इतने माइनर होते हैं कि वो सामान्य फ्लू जैसे प्रतीत होते हैं। यही कारण है कि लोग अक्सर कार्डियक अरेस्ट के लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेते हैं।
किन लोगों को कार्डियक अरेस्ट का ज्यादा खतरा रहता है?
यूं तो मौजूदा जीवनशैली की वजह से बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि युवाओं को भी कार्डियक अरेस्ट का रिस्क रहता है। लेकिन कुछ लोगों को इसका जोखिम अधिक होता है, जैसे-
- कार्डियक अरेस्ट या हार्ट डिजीज की फैमिली हिस्ट्री
- स्मोकिंग
- ब्लड प्रेशर की समस्या
- हाई कोलेस्ट्रोल
- मोटापा
- डायबिटीज
- नशीले पदार्थों का सेवन
कार्डियक अरेस्ट से बचाव
अगर किसी को कार्डियक अरेस्ट आ गया है या इसके संकेत दिख रहे हैं, तो इससे तुरंत बचाव के लिए कुछ नहीं किया जा सकता है। हां, अगर पहले से ही अपने आपको तैयार रखा जाए, तो इसके रिस्क को कम किया जा सकता है। यहां दिए गए टिप्स को जरूरत फॉलो करें-
- नियमित रूप से हेल्दी डाइट फॉलो करें। बाहरी जंक फूड, स्ट्रीट फूड, प्रीजर्व्ड फूड से दूर रहें। ये स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होते हैं।
- हमेशा अपने वजन को नियंत्रण में रखें। हालांकि, इन दिनों वेट मैनेजमेंट काफी मुश्किल हो गया है। इसके पीछे मुख्य वजह है, एक ही जगह पर घंटों बैठे रहना और फिजिकल एक्टिविटी कम से कम करना।
- खुद को हमेशा फिजिकली एक्टिव रखें। आप जितना एक्टिव रहें, हार्ट हेल्थ से जुड़ी बीमारी का रिस्क कम होता है। असल में, फिजिकली एक्टिव रहने से आदमी का ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है और कई तरह की बीमारियों का रिस्क भी कम होता है।
- पर्याप्त नींद लेना भी हार्ट हेल्थ के लिए जरूरी है। ध्यान रखें कि जब आप सोते हैं, तब शरीर के सभी ऑर्गन धीमे काम करते हैं। इस तरह उन्हें भी रेस्ट मिल जाता है और सुबह नई एनर्जी के साथ काम करते हैं। वहीं, अगर आप अच्छी नींद नहीं लेंगे, तो ऑर्गन पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसा करने से कार्डियक अरेस्ट का रिस्क भी बढ़ जाता है।